क्या हमारा कोई भी ऑनलाइन कर सकते है पीछा
जी हाँ दोस्तों आज एक बार फिर हम आपके बीच में लाये है एक ऐसा टॉपिक जो आपको आच्शर्य में डाल सकता है क्योकि जब हमने भी सुना तो हमें भी कुछ ऐसा ही झटका लगा तो चलिए दोस्तों हम इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते है।
जब भी आप किसी की लोकेशन का पता लगाना चाहते है तो लगा सकते है लेकिन आपको ये पता नहीं है की हमारी लाइव लोकेशन पुलिस के अलावा कोई नहीं निकाल सकता लेकिन आज हम आपके बिच ये सुचना शेयर करना चाहेंगे की अब आप भी किसी की भी लोकेशन का पता लगा सकते है, वो है आई पी ऐड्रेस से जी है आई पि ऐड्रेस ये सभी इंटरनेट डिवाइस में होता है।
यदि आप अपना आई पि निकालना चाहते है तो गूगल में सर्च कीजिये व्हाट इस माय आई पी जो गूगल आपको आपकी आई पी दिखा देगा जिसको आप किसी भी अच्छी वेब साइट पर जाके वहा से पता लगा सकते एक और खास बात है की ये वेब साइट आपको एकदम परफेक्ट लोकेशन नहीं बता सकती लेकिन उस एरिया की परफेक्ट लोकेशन जरूर बता सकती।
आप सबके मन ये सवाल जरूर आता होगा की आखिर पुलिस हमारी परफेक्ट लोकेशन कैसे निकाल लेती है हालाँकि होता ये की पुलिस किसी भी क्रिमिनल की लोकेशन का पता लगाने के लिए इंटरनेट सर्वर के जो की किसी एक आदमी के पास हो है वो होता है इंटरनेट कंट्रोलर उसको सब पता होता है की इस वक्त कौनसा आदमी कहा है और क्या कर रहा है जो सेटेलाइट से कनेक्ट रहता है, और ये अलग अलग देशो में किसी एक इंटरनेट कंपनी के पास होता है तो पुलिस इसके साथ मिलकर किसी भी क्रिमिनल की एकदम परफेक्ट लोकेशन निकाल सकती है।
इस वजह से पुलिस किसी का भी लोकेशन पता कर सकती है और इंटरनेट कंट्रोलर होता है उसके पास सभी आई पी ऐड्रेस होते है और वो किसी भी लोकेशन के साथ मैच करके हमारी लोकेशन निकल लेता है क्योकि हम जो भी नेट और डेटा उपयोग करते है वो सब हमे इन से ही मिलता है इसलिए उनको हमारा पूरा डेटा पता होता है।
तो आप अपना आई पी किसी को भी नहीं बताये वरना वो आप को कभी भी ट्रैक कर सकता है तो ये था आई पी ऐड्रेस जिससे कोई भी पता लगा सकता यदि आप चाहते है की आपकी आई पी कोई भी पता नहीं कर पाए यहाँ तक की पुलिस भी नहीं तो इसके लिए आपको अपने डिवाइज को किसी वी पी ऐन (VPN) नेटवर्क से कनेक्ट करें जिससे कोई भी आपके डिवाइज का पता नहीं लगा सकता इसमें होता ये है की जब भी किसी देश में कोई साइट बैन होती है और उसके बाद हम उसको सर्च करते है तो जो नेट कंट्रोलर होता उसको ये मेसेज जाता और वो सेटेलाइट से कनेक्ट करके पता करता है तो आपको वो वापस मेसेज करेगा की आपको इसकी इस देश में अनुमति नहीं है।
हालाँकि ये सब हमारे आई पी एड्ड्रेस की वजह से होता जब हम वी पी ऐन (VPN) से किसी बैंड (banned) साइट को सर्च करते है तो हमको सीधे ही उस देश से कनेक्ट करेगा जहा पे ये सब बेन नहीं होता है।
अब आप समझ गए होंगे की किसी को भी हम हैक होने से हम रोक सकते है।
Comments
Post a Comment