जानिए पुलिस मोबाइल चोरो को कैसे पकड़ती
नमस्कार दोस्तों आज एक बार फिर हम आपके बीच में उपस्थित हुए है एक बेहद उपयोगी और गहन विषय के साथ जिससे जानकर आपके होश भी उड़ जायेंगे की आखिर ये सब भी होता है जी हाँ आज हम बात करेंगे उन मोबाइल चोरो की जो हमारा स्मार्ट फोन ऐसे चोरी करते है की हमे भनक भी नहीं लगने देते है तो इसका एक बेहद ही मजेदार समाधान लेकर आये है हम आपके बिच में कि पुलिस आखिर उन चोरो को कैसे पकड़ी और कैसे उन लोगो को ट्रैक कर पाती है तो आइये दोस्तों शुरू करते है।आपने सुना ही होगा सेल फोन ट्रैक और ट्रेचिंग के बारे में -
जी हाँ आपने देखा होगा कि कभी कभी हमारा फोन कहीं पर गिर जाता है या चोरी हो जाता है तो ऐसे में हम उनकी शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन जाते है तो पुलिस वाला हमसे हमारे फोन से उसके IMEI नंबर पूछता है यहाँ पर पुलिस सिर्फ एक IMEI से हमारे फोन को आसानी से ट्रेस कर सकता है और उस फोन की लोकेशन को आसानी से ट्रैक कर सकता है कि वो फोन अभी किस जगह पे है इसके साथ ही वो चोर भी इस वक्त कहा पे ये भी पता लगाया जाता है यहाँ पर सवाल उठता है कि पुलिस वाले सिर्फ एक IMEI नंबर से ये सब कैसे पता लगा लेता है।
ये IMEI आखिर होता है क्या है ?
सबसे पहले हम सॉर्ट और सिंपल में जान लेते है कि ये IMEI आखिर होता है क्या है ? IMEI की फुल फॉर्म होती है (इंटेरबेशनल मोबाइल ईकुमपेन्ट आइडेंटिटी ) ये एक यूनिक नंबर होता है जो आप अपने मोबाइल के डाइल की पेड पे जाकर डाइल करे *#06# दबाएंगे तो वो आपको अपना IMEI नंबर दिखा देगा जिससे आप किसी के भी लोकेशन का पता करते है और ये IMEI नंबर अलग-अलग मोबाइल के अलग-अलग होते है इसकी मदद से कोई भी पुलिस उस मोबाइल के करेंट लोकेशन का पता लगा लेती है लेकि सवाल उठता है कि कैसे तो आइये जानते है ।
जब भी आपका फोन खो जाता है गिर जाता है या चोरी हो जाता है उसकी शिकायत लिखाने आप सबसे पहले पुलिस वाले के पास जाते है तो वह पर पुलिस वाला आपको आपके मोबाइल के IMEI नंबर पूछता है जैसे ही पुलिस वाले के पास आपके IMEI नंबर जाते है तो वो सबसे पहले उस IMEI को जितने भी टेलीकॉम कम्पनी होती है उनको भेजता है और उनको बोलते है कि इस नंबर को निगरानी में रखो इसके बाद जब भी कोई यूजर उस IMEI फोन को उपयोग में लेता है या कोई सिम कार्ड उसमे इन्सर्ट करता है और फोन को चालू करता है और जैसे ही वो फोन को चालू करता है तो उसके बाद जो भी IMEI नंबर है उस सिमकार्ड टेलीफोन ऑपरेटर के पास रजिस्टर हो जाता है और जैसे वो रजिस्टर होता है तो टेलीकॉम कम्पनी को पता लग जाता है कि ये सिम कार्ड इस फोन में इस्तेमाल हो रहा है और इस फोन का IMEI नंबर ये है तो ये सारी डिटेल टेलीकॉम को पता चल जाती है जिसको पुलिस ने कहा होता है फिर ये पूरी जानकारी पुलिस को दे देता है और इस प्रकार हमारे मोबाइल कि लोकेशन का पता लगया जाता है ।
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